"वादा है तुमसे यह वादा"..यही कह मधुराज हुए श्री,भूषण,विभूषण से विभूषित हो रसराज हुए, "वादा है तुमसे यह वादा"..यही कह मधुराज हुए श्री,भूषण,विभूषण से विभूषित हो रसराज...
मगर मुझे मुझसे ही वाकिफ करवाया उसने मुझे मुझसे बेहतर समझने वाली है वो मेरे जिस्म से ले के रूह ... मगर मुझे मुझसे ही वाकिफ करवाया उसने मुझे मुझसे बेहतर समझने वाली है वो मेरे...
प्रतीक और विसंगति के बीच फंसे दलित के पैर। प्रतीक और विसंगति के बीच फंसे दलित के पैर।
अनकही दास्तां पर कुछ तो हुआ अनकही दास्तां पर कुछ तो हुआ
कल खामोशियों को छुआ था पल भर को आज शोर से हाथ छिल जाते हैं। कल खामोशियों को छुआ था पल भर को आज शोर से हाथ छिल जाते हैं।
जात पात और धर्म बैठे तराजू की एक ओर हैं, समझ नहीं आता दूसरी ओर बैठा कौन है। जात पात और धर्म बैठे तराजू की एक ओर हैं, समझ नहीं आता दूसरी ओर बैठा कौन है।